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इलैक्ट्रोलाइटिक संधारित्र बनाये जाते हैं।
(RRB Ajmer Group-D 2004)
(A) नियत मान में
(B) समयोजन मान में
(C) प्रत्यावर्ती मान में
(D) परिवर्ती मान में
इलेक्ट्रोलाइटिक संधारित्र बनाये जाते हैं
सही उत्तर: (B) समयोजन मान में
स्पष्टीकरण:
इलेक्ट्रोलाइटिक संधारित्र उन संधारित्रों को कहते हैं जिनमें एक इलेक्ट्रोलाइट (आमतौर पर एक तरल या पेस्ट) एक इलेक्ट्रोड के रूप में कार्य करता है। ये संधारित्र अन्य प्रकार के संधारित्रों की तुलना में बहुत अधिक धारिता प्रदान करते हैं।
* समयोजन मान में: इसका मतलब है कि इलेक्ट्रोलाइटिक संधारित्रों की धारिता को कुछ हद तक बदला जा सकता है। यह आमतौर पर तापमान, आवृत्ति और वोल्टेज जैसे कारकों के आधार पर होता है। हालांकि, यह परिवर्तन बहुत अधिक नहीं होता है और इन्हें मुख्य रूप से स्थिर मान के संधारित्र माना जाता है।
* नियत मान में: यह पूरी तरह से सही नहीं है क्योंकि इनकी धारिता में थोड़ा सा परिवर्तन होता है।
* प्रत्यावर्ती मान में: ये संधारित्र मुख्य रूप से दिष्टधारा (DC) अनुप्रयोगों में उपयोग किए जाते हैं, प्रत्यावर्ती धारा (AC) अनुप्रयोगों में नहीं।
* परिवर्ती मान में: यह भी पूरी तरह से सही नहीं है क्योंकि इनकी धारिता में परिवर्तन बहुत सीमित होता है।
क्यों इलेक्ट्रोलाइटिक संधारित्र समयोजन मान में होते हैं?
* इलेक्ट्रोलाइट का व्यवहार: इलेक्ट्रोलाइट का व्यवहार तापमान, आवृत्ति और वोल्टेज के आधार पर बदलता है। यह परिवर्तन संधारित्र की धारिता को प्रभावित करता है।
* निर्माण प्रक्रिया: इलेक्ट्रोलाइटिक संधारित्रों का निर्माण प्रक्रिया थोड़ी जटिल होती है, जिससे धारिता में कुछ भिन्नता हो सकती है।
निष्कर्ष:
इलेक्ट्रोलाइटिक संधारित्रों की धारिता को पूरी तरह से स्थिर नहीं माना जा सकता है, लेकिन ये मुख्य रूप से स्थिर मान के संधारित्र होते हैं। इनकी धारिता में थोड़ा सा परिवर्तन होता है जो विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है।
अतः, सही उत्तर (B) समयोजन मान में है।