welcome - आप भी स्वयं को रजिस्टर करके इस कम्यूनिटी के सदस्य बने, अपने डाउट पूछे ओर पुराने प्रश्नो के जवाब दे ।
(A) उच्च
(B) निम्न
(C) शून्य
(D) इकाई
Ans- A
उच्च धारिता प्राप्त करने के लिए धारित की अचालक परत की परमिटिविटी अधिक होनी चाहिए।
स्पष्टीकरण:
* परमिटिविटी: किसी पदार्थ की विद्युत क्षेत्र को संचित करने की क्षमता को परमिटिविटी कहते हैं।
* धारिता: किसी चालक की वह क्षमता है जिसके द्वारा वह आवेश को संचित कर सकता है।
* अचालक परत: संधारित्र में धातु की प्लेटों के बीच की जगह को भरने के लिए अचालक पदार्थ की परत का उपयोग किया जाता है।
क्यों अधिक परमिटिविटी?
* अधिक ध्रुवीकरण: उच्च परमिटिविटी वाले पदार्थ अधिक ध्रुवीकृत होते हैं, अर्थात उनके अणुओं के धनात्मक और ऋणात्मक भाग आसानी से अलग हो जाते हैं।
* अधिक विद्युत क्षेत्र: ध्रुवीकरण के कारण अचालक परत में एक अतिरिक्त विद्युत क्षेत्र उत्पन्न होता है जो कि बाहरी विद्युत क्षेत्र के विपरीत दिशा में होता है।
* अधिक आवेश संग्रहण: यह अतिरिक्त विद्युत क्षेत्र धातु की प्लेटों पर अधिक आवेश संचित करने में मदद करता है।
निष्कर्ष:
अतः, उच्च परमिटिविटी वाली अचालक परत का उपयोग करके हम संधारित्र की धारिता को बढ़ा सकते हैं।
उदाहरण:
* सिरेमिक, कांच और पानी उच्च परमिटिविटी वाले पदार्थ हैं। इन्हें संधारित्र में अचालक परत के रूप में उपयोग किया जाता है।
अन्य कारक जो धारिता को प्रभावित करते हैं:
* प्लेटों का क्षेत्रफल: प्लेटों का क्षेत्रफल बढ़ाने पर भी धारिता बढ़ती है।
* प्लेटों के बीच की दूरी: प्लेटों के बीच की दूरी कम करने पर धारिता बढ़ती है।
अतिरिक्त जानकारी:
* परमिटिविटी एक भौतिक राशि है और इसका मात्रक फैरड/मीटर होता है।
* धारिता का मात्रक फैरड होता है।