ELECTRICAL QUESTION BANK

एक 40 µF संधारित्र ...
 
Notifications
Clear all

 यह इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए एक विशेष स्थान है जहाँ वे जटिल विषयों पर चर्चा कर सकते हैं, समस्याओं का समाधान कर सकते हैं, और अपने ज्ञान को बढ़ा सकते हैं। यहाँ छात्र अनुभवी लोगों से मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं, प्रश्न पूछ सकते हैं, और परीक्षाओं की तैयारी के लिए सुझाव प्राप्त कर सकते हैं। यह मंच एक सहायक समुदाय बनाने का प्रयास करता है जहाँ छात्र एक साथ सीख सकते हैं और आगे बढ़ सकते हैं।

एक 40 µF संधारित्र 250 V DC से जुड़ा है। चार्जिंग धारा निम्नतम होगी।

   RSS

0
Topic starter

 

 

(A) पूर्ण आवेश पर

 

(B) 50% आवेश पर

 

 

(C) 25% आवेश पर

 

(D) अनन्त आवेश पर

 

संधारित्र का चार्जिंग धारा

जब एक संधारित्र को एक DC वोल्टेज स्रोत से जोड़ा जाता है, तो संधारित्र धीरे-धीरे चार्ज होता है। चार्जिंग प्रक्रिया के दौरान, संधारित्र के प्लेटों पर आवेश जमा होता है और इसके परिणामस्वरूप प्लेटों के बीच एक विद्युत क्षेत्र उत्पन्न होता है।

चार्जिंग धारा का व्यवहार:

 * शुरुआत में: जब संधारित्र को पहली बार वोल्टेज स्रोत से जोड़ा जाता है, तो संधारित्र एक खाली बर्तन की तरह होता है। यह बहुत तेजी से आवेश ग्रहण करता है और इस दौरान चार्जिंग धारा अधिकतम होती है।

 * समय के साथ: जैसे-जैसे संधारित्र चार्ज होता जाता है, प्लेटों के बीच का विद्युत क्षेत्र बढ़ता जाता है। यह विद्युत क्षेत्र आवेश के प्रवाह का विरोध करता है और परिणामस्वरूप चार्जिंग धारा कम होती जाती है।

 * अंत में: जब संधारित्र पूरी तरह से चार्ज हो जाता है, तो प्लेटों के बीच का विद्युत क्षेत्र स्रोत के वोल्टेज के बराबर हो जाता है और चार्जिंग धारा शून्य हो जाती है।

सवाल का जवाब:

आपने पूछा है कि "एक 40 µF संधारित्र 250 V DC से जुड़ा है। चार्जिंग धारा निम्नतम होगी।"

इसका उत्तर है: जब संधारित्र पूरी तरह से चार्ज हो जाएगा, तब चार्जिंग धारा निम्नतम होगी और इसका मान शून्य होगा।

क्योंकि:

 * जब संधारित्र पूरी तरह से चार्ज हो जाता है, तो प्लेटों के बीच का विभवांतर स्रोत के वोल्टेज के बराबर हो जाता है।

 * इस स्थिति में, कोई भी अतिरिक्त आवेश संधारित्र में प्रवाहित नहीं हो सकता है और इसलिए चार्जिंग धारा शून्य हो जाती है।

निष्कर्ष:

एक संधारित्र को चार्ज करने के दौरान, चार्जिंग धारा का मान समय के साथ घटता जाता है और जब संधारित्र पूरी तरह से चार्ज हो जाता है, तो यह शून्य हो जाता है।

अतिरिक्त जानकारी:

 * संधारित्र को चार्ज होने में लगने वाला समय संधारित्र की धारिता और परिपथ के प्रतिरोध पर निर्भर करता है।

 * संधारित्र को डिस्चार्ज करने के लिए, इसे एक प्रतिरोधक से जोड़ा जा सकता है। डिस्चार्ज के दौरान भी, धारा का मा

न समय के साथ घटता जाता है।

Your Answer

Author Name

Author Email

Your question *

 
Preview 0 Revisions Saved
Share:
Scroll to Top