यह इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए एक विशेष स्थान है जहाँ वे जटिल विषयों पर चर्चा कर सकते हैं, समस्याओं का समाधान कर सकते हैं, और अपने ज्ञान को बढ़ा सकते हैं। यहाँ छात्र अनुभवी लोगों से मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं, प्रश्न पूछ सकते हैं, और परीक्षाओं की तैयारी के लिए सुझाव प्राप्त कर सकते हैं। यह मंच एक सहायक समुदाय बनाने का प्रयास करता है जहाँ छात्र एक साथ सीख सकते हैं और आगे बढ़ सकते हैं।
(A) दूरी वर्ग के विलोम
(B) दोनों आवेश गुणन के समानुपाती
(C) प्रतिकर्षण बल के समान
(D) प्रतिकर्षण बल से दो गुनी
Ans- c
एक धनावेशी विद्युत क्षेत्र में लाए गए धनावेश पर लगने वाला बल:
* प्रतिकर्षण बल: जब एक धनावेश को किसी धनावेशी विद्युत क्षेत्र में लाया जाता है, तो दोनों आवेशों के बीच प्रतिकर्षण बल लगता है। यह इसलिए होता है क्योंकि समान आवेश एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं।
* क्षेत्र तीव्रता: विद्युत क्षेत्र की तीव्रता उस बल के बराबर होती है जो एकांक धन आवेश पर लगता है। इसलिए, धनावेशी विद्युत क्षेत्र में धनावेश पर लगने वाला बल जितना अधिक होगा, क्षेत्र की तीव्रता उतनी ही अधिक होगी।
सरल शब्दों में:
* धनावेश को धनावेश पसंद नहीं: एक धनावेश दूसरे धनावेश को अपनी ओर नहीं खींचता, बल्कि उसे दूर धकेलता है।
* जितना जोर से धकेलेगा, क्षेत्र उतना ही मजबूत: अगर धनावेश को बहुत जोर से धकेला जा रहा है, तो इसका मतलब है कि विद्युत क्षेत्र बहुत मजबूत है।
उदाहरण:
* दो चुंबकों के उत्तरी ध्रुवों को पास लाने पर वे एक-दूसरे को दूर धकेलते हैं। यह विद्युत क्षेत्रों के साथ भी होता है।
याद रखें:
* विद्युत क्षेत्र एक सदिश राशि है, जिसका मतलब है कि इसकी दिशा भी होती है। धनावेशी विद्युत क्षेत्र की दिशा धनावेश से दूर होती है।