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सही कथन नहीं है।
(A) श्रेणी क्रम में निम्नतम संधारित्र उच्चतम वोल्टता पात करता है।
(B) श्रेणी क्रम में सभी संधारित्र पर समान आवेश एकत्र होता है।
(C) A व B दोनों
(D) दोनों सही है।
सही उत्तर: (A) श्रेणी क्रम में निम्नतम संधारित्र उच्चतम वोल्टता पात करता है।
स्पष्टीकरण:
* विकल्प (B) सही है: जब संधारित्र श्रेणीक्रम में जुड़े होते हैं तो उनमें से होकर बहने वाला कुल आवेश समान होता है। यह इसलिए होता है क्योंकि श्रेणीक्रम में जुड़े हुए घटकों में से होकर बहने वाली धारा समान होती है।
* विकल्प (A) गलत है: श्रेणीक्रम में जुड़े संधारित्रों पर विभवांतर का वितरण उनकी धारिता के व्युत्क्रमानुपाती होता है। यानी, जिस संधारित्र की धारिता कम होगी, उस पर अधिक विभवांतर होगा। इसलिए, निम्नतम धारिता वाला संधारित्र उच्चतम वोल्टता पात नहीं करेगा बल्कि उच्चतम वोल्टता पात करेगा।
इसलिए, सही उत्तर (A) है।
अतिरिक्त जानकारी:
* श्रेणीक्रम में संधारित्रों की तुल्य धारिता: श्रेणीक्रम में जुड़े संधारित्रों की तुल्य धारिता का व्युत्क्रम, व्यक्तिगत धारिताओं के व्युत्क्रमों के योग के बराबर होता है।
* समांतर क्रम में संधारित्र: समांतर क्रम में जुड़े संधारित्रों पर विभवांतर समान होता है, लेकिन आवेश अलग-अलग हो सकता है।
उदाहरण:
मान लीजिए दो संधारित्र, जिनकी धारिता क्रमशः 2 μF और 4 μF है, श्रेणीक्रम में जुड़े हैं। यदि इनके सिरों पर 12 V का विभवांतर लगाया जाए, तो 2 μF वाले संधारित्र पर अधिक विभवांतर होगा।
निष्कर्ष:
श्रेणीक्रम में जुड़े संधारित्रों के संबंध में यह समझना महत्वपूर्ण है कि आवेश सभी संधारित्रों पर समान होता है, लेकिन विभवांतर उनके धारिता के व्युत्क्रमानुपाती होता है।